मुनि आदित्य सागर जी महाराज प्रवचन में कहते हैं कि जीवन में सबसे अहम नीति है — सोच समझकर किसी से मिलना, साथ रहना और बात करना, क्योंकि जीवन के गलत फैसले पूरी जिंदगी को बदल सकते हैं।
जैसे एक चूक से गाड़ी पलट सकती है, वैसे ही एक नासमझी से जीवन में पछतावे की स्थिति आ सकती है।जो चीजें, शब्द, वातावरण, और लोग आपके जीवन में प्रभाव डालते हैं, उनका असर गहरा होता है — पॉजिटिव भी और नेगेटिव भी।प्रवचन में स्वार्थ और नासमझी का संतुलन समझाया गया है; स्वार्थी लोग नासमझ लोगों का फायदा उठाते हैं।
स्वार्थ दो तरह का होता है:
एक जिसमें सिर्फ अपना सुख चाहा जाए, लेकिन दूसरों को कष्ट न पहुँचे — यह नीति के अनुसार उचित है। दूसरा जिसमें दुसरे को दुख देकर खुद सुख मिल जाए — यह गलत है और आत्म-संतोष नहीं देता। कई उदाहरणों द्वारा समझाया गया कि पैसे और पद का स्वार्थ व्यक्ति को लालची बना देता है।
पैसा एक बड़ी समस्या है — ‘विटामिन एम’ — इसके लिए लोग रिश्ते भी नजरअंदाज कर देते हैं; लेकिन सब कुछ छोड़ के केवल इज्जत, नाम और सत्य ही साथ जाते हैं। दुनिया में ज्यादातर लोग स्वार्थी हैं और नासमझ लोग इसी जाल में फंस जाते हैं, बार-बार चोट खाते हैं।
एक वास्तविक घटना से समझाते हैं — बाइक दुर्घटना, जिसमें चूक से बच्चा घायल हो गया, और उसने जिम्मेदारी सरकार पर डाली, न कि अपनी समझदारी पर। राजनीति और नेताओं के झूठे वादों से भी सतर्क रहने की शिक्षा दी गई है — समझदारी से वोट देना चाहिए।
प्रवचन में बुद्धि के व्यायाम की आवश्यकता बताई गई — शरीर तो स्वस्थ रहता है, लेकिन दिमाग का व्यायाम न हो, तो जीवन की दिशा बिगड़ सकती है। समय-समय पर अपने सम्बन्धों को जांचें — जैसे बॉडी चेकअप होता है वैसे ही संबंधों का भी मूल्यांकन करें।
एक माँ और बेटी की घटना — जहाँ माँ ने बेटी की रील चलने पर गुस्से में उसकी हत्या कर दी — उदाहरण है कि किसी पर जरूरत से ज्यादा विश्वास ठीक नहीं है।
मुनि जी ने सलाह दी — सिर्फ किस्मत पर भरोसा मत करो, बल्कि अपनी मेहनत, परिश्रम और ईमानदारी पर सबसे ज्यादा भरोसा रखें।
रामायण के प्रसंग से समझाया कि परिस्थितियाँ और लोग बदल सकते हैं, पर मेहनत पर हमेशा भरोसा रखना चाहिए; मेहनत कभी धोखा नहीं देती।
महान व्यक्ति भी बदल सकते हैं — जैसे राम ने युद्ध अपने कुल के लिए किया, न कि सीता के लिए — यह भी बताता है कि स्वयं की मेहनत और कोशिश ही सबसे बड़ी पूंजी है।
अंतिम मंत्र:
- जितनी सोच सकते हैं, उससे अधिक मेहनत करें
 - किस्मत के भरोसे कभी मत बैठें
 - अपना विश्वास अपने परिश्रम में रखें
 - लोग, हालात, किस्मत — सब बदल सकते हैं, मेहनत हमेशा साथ देती है
 - खुद के लिए एक्टिव रहें, सोचें, मेहनत करें, आगे बढ़ें